जब सेटप रद्द नही तो शिक्षकों को अतिशेष क्यो बनाया जा रहा है जिले के शिक्षको में भारी रोष

सेटअप 2008 राज्य शासन द्वारा अधिकृत राज्य के कर्मचारियों के लिए शिक्षा विभाग और स्कूलों के लिए मूल रूप से बनाया गया है फिर शिक्षा विभाग सेटअप 2008 से हटकर शिक्षा के अधिकार कानून की व्याख्या करने पर आमादा क्यो है,? छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा व जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग द्वारा अधिकृत और स्वीकृत सेटअप 2008 के अनुसार ही पूरे प्रदेश के शिक्षा विभाग और शिक्षकों का पद स्वीकृत किया गया है एवं वेतन आहरण किया जा रहा है इसके आधार पर ही वित्तीय व्यवस्था संचालित की जा रही है फिर भी शिक्षा विभाग युक्तियुक्तकरण के मामले में सेटअप को दरकिनार कर केवल और केवल शिक्षा के अधिकार कानून की आड़ में प्रदेश भर के प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला में शिक्षकों के एक-एक पद कम करने का प्रयास कर रहा है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार यदु प्रदेश सह सचिव राकेश तिवारी जिला सचिव जीवन वर्मा जिला कोषाध्यक्ष हंस कुमार मेश्राम जिला प्रवक्ता देवेन्द्र साहू जिला मिडीया प्रभारी मनोज वर्मा जिला महासचिव राजेश साहू रतिराम कन्नौजे संदीप साहू जिला महामंत्री महेश ऊईके महासचिव राजेश साहू रतिराम कन्नौजे संदीप साहू ,जिला उपाध्यक्ष ब्रजेश वर्मा चंद्रीका यादव ईश्वर मंडावी पंचशीला सहारे राजकुमारी जैन नीरज डोंगरे ने कहा है कि राज्य शासन के कर्मचारी शिक्ष वर्ग है उन्हें शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की तैनाती के लिए की छत्तीसगढ़ के शिक्षकों व कर्मचारियों को न तो केंद्रीय वेतनमान मिलता है न ही केंद्र के समान कर्मचारियों के बराबर एरियर्स दिया जा रहा है न ही केंद्र के समान कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता देय तिथि से दिया जा रहा है जब शिक्षक व कर्मचारी सुविधा को छोड़ा गया हैं तो छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बनाए गए सेटअप का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं।
देखा जाय तो सीधी सी बात है प्रदेश में 53000 पद रिक्त है ऐसे पदों की पूर्ति वर्तमान में करना न पड़े, प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार से वंचित करने का एक प्रयास है।
इसके अलावा शासकीय शालाओं में शिक्षकों की तैनाती कम करके शासकीय शाला को कमजोर करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षा ब्यवस्था को दूषित करने के साथ निजी शालाओं को लाभ देने का प्रयास है। शिक्षा विभाग के शिक्षकों से अन्य विभाग के कार्य क्यों कराया जा रहा हैं, वर्ष भर 127 अलग अलग गैर शैक्षणिक कार्य अन्य विभागों के कराये जाते है, शिक्षकों के मूल कार्य शिक्षण से वंचित कर अन्यत्र संलन किया जाता है, इससे ही गुणवत्ता प्रभावित होती है।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि युक्तियुक्तकरण नियमो में के बिन्दुओ में स्पष्ट लेख स्वीकृत पद से अधिक शिक्षको को अतिशेष माना जाने का का उल्लेख होने के बाद भी राजनांदगांव जिले के चारो विकासखंड में अपने तरीके से अलग अलग अतिशेष सूची जारी किये हैं जिसे लेकर भारी रोष है
सर्व शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले प्रदेश के 23 शिक्षक संगठन 28 मई को मंत्रालय का घेराव करेंगे यह खेद का विषय है के पूर्व में जारी युक्तियुक्तकरण के आदेश को अभी जस का तस जारी कर दिया है, जिसमे शिक्षकों का भारी विरोध था, यह गतिरोध का बड़ा कारण है, एक सप्ताह के भीतर शिक्षा विभाग द्वारा युक्तिकरण की प्रक्रिया रद्द नहीं किए जाने पर बड़े व लंबे आंदोलन की तैयारी शिक्षकों द्वारा की गई है।
गोपी वर्मा, जिला अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन
राजनांदगांव