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हेमशंकर जेठमल साहू को “भारत गौरव पुरस्कार” से नवाजा जाएगा, 28 जून को मुंबई में होगा भव्य आयोजन

सामाजिक सेवा, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक चेतना में उल्लेखनीय योगदान के लिए मिलेगा सम्मान

राजनांदगांव | छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से सामाजिक सरोकारों में सक्रिय हेमशंकर जेठमल साहू को “भारत गौरव पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें 28 जून 2025 को मुंबई में आयोजित “अखिल भारतीय प्रतिभा प्रेरणा महोत्सव 2025” में प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन भारत रत्न लता मंगेशकर नाट्यगृह, भायंदर (मुंबई) में बड़े ही भव्य रूप में संपन्न होगा।

*ग्रामीण नेतृत्व व महिला सशक्तिकरण में निभाई अग्रणी भूमिका*
श्री साहू को यह सम्मान ग्रामीण नेतृत्व, महिला स्वसहायता समूहों के गठन, बाल अधिकारों की पैरवी, किसान संगठनों की स्थापना और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जा रहा है। उन्हें प्रशस्ति पत्र, शॉल, स्मृति चिन्ह और ₹51,000/- की सम्मान राशि से नवाजा जाएगा।

*“यह सम्मान समाज को समर्पित” – हेमशंकर साहू*
पुरस्कार की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री साहू ने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए नहीं, उन हजारों ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं के लिए है, जिन्होंने आत्मनिर्भरता और परिवर्तन की राह अपनाई।”

*महोत्सव में दिखेगा भारत की विविधता का रंग*
कार्यक्रम का शुभारंभ एडमिरल क्रांति महाजन के स्वागत भाषण से होगा, जो इस आयोजन को “भारत की चेतना का उत्सव” बताएंगे। महोत्सव में समाज सेवा, शिक्षा, पर्यावरण, नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक चेतना पर आधारित पुस्तकों का विमोचन व वितरण होगा। छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और समाजसेवियों को ये पुस्तकें भेंट की जाएंगी।

*लोकनृत्य, संगीत और संस्कृति की झलक*
कार्यक्रम की खास आकर्षण होंगी भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, जिनमें महाराष्ट्र की लावणी, छत्तीसगढ़ का पंथी, असम का बिहू, राजस्थान का घूमर, उत्तराखंड का झोड़ा और कर्नाटक का यक्षगान शामिल हैं। ये प्रस्तुतियाँ दर्शकों को भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता से रूबरू कराएंगी।

“जन गण मन” के साथ होगा समापन
महोत्सव का समापन राष्ट्रगान “जन गण मन” के साथ किया जाएगा। इस दौरान देशभर से आए साहित्यकार, शिक्षाविद, कलाकार, पत्रकार और छात्र-छात्राएं एक मंच पर एकत्रित होंगे। यह आयोजन राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक बदलाव और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगा।

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