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विद्युत विभाग की घोर लापरवाही ग्रामीणों के बार-बार बोलने पर भी सीधा खड़े नहीं हुआ विद्युत पोल

राजनांदगांव समीपस्थ सब डिवीजन सिंघोला के ग्राम भोथीपार कला में गांव नहर नाली पार से बांध तक गए विद्युत कनेक्शन की पोल को भूमिगत होने से किसानों ने बचा लिया। मौसम की मिजाज और लगातार हवा तूफान की लपेटे में आई विद्युत पोल को ग्रामीणों ने आनंद-खनन में लकड़ी के सहारे टिका दिया है जिसकी सूचना विद्युत विभाग को ग्रामीणों द्वारा दिया जा चुका है पर गहरी नींद में सोए विद्युत विभाग की आला अधिकारी को यह भयावह स्थिति दिखाई नहीं पड़ रहा है। कल यदि किसी प्रकार की बड़ी घटना होती है तो इन सब की जिम्मेदारी विद्युत विभाग के आला अधिकारियों की होगी क्योंकि ग्रामीणों के अनुसार इस रास्ते से किसानों का लगातार आना जाना लगा रहता है साथ ही चारा की तलाश और पानी पीने जलाशय जाने वाले पशुओं के लिए भी खतरा की घंटी है।

ग्रामीणों की सूझबूझ से विद्युत पोल जमीन से लगभग 7 फीट की लकड़ी के सहारे टिकी हुई है। असमय किसी प्रकार बड़ी दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार लेने वाला कौन होगा। इसी क्रम में लगे सभी विद्युत पोल अपनी वास्तविक स्थिति 90 अंश से 10-15 अंश अन्य दिशा में झुकी हुई है।

ग्रामीणों की माने तो जिस समय विद्युत पोल की स्थापना की गई विद्युत विभाग की आला अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई जिनकी अनुपस्थिति में लगातार कार्य हुआ मनमानी करते हुए मजदूर एवं ठेकेदारों ने विद्युत पोल की स्थापना की। इस समय से विद्युत पोल की स्थापना में लगे मजदूरों के द्वारा लापरवाही करते हुए बहुत ही कम समय में तेज गति से लगा दिया गया। जिसके निचले भाग में पोल को स्थापित करने के समय किसी प्रकार गिट्टी, मसाला या अन्य पत्थर जैसे मजबूत सामग्री का उपयोग ना करते हुए खुदाई में निकले मिट्टी को पुनः दबाकर विद्युत पोल की स्थापना की गई। जिससे पूर्व में भी इस क्रम में लगे सभी विद्युत पोल अपने वास्तविक स्थिति से झुके हुए हैं । भविष्य में किसी प्रकार की घटना होती है तो ग्रामीणों को काफी तकलीफ हो सकती है और भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इस विद्युत पोल के जरिए किसानों को कृषि कार्य के लिए विद्युत कनेक्शन प्राप्त है । जिसके भरोसे वह अपने फसलों की देखरेख एवं सुरक्षा में लगे हुए रहते हैं । इन्हीं विद्युत पोल के कनेक्शन से ही किसान अपने खेतों में पानी पहुंचाते हैं।

इन सबसे परिचित विद्युत विभाग अपने ही मस्त में मगन है किसानों को किसी अन्य जगह शिकायत करने का मौका दे रही है वर्तमान में छत्तीसगढ़ साय सरकार द्वारा सुशासन अभियान चलाया जा रहा है इस लापरवाही की शिकायत ग्रामीणों द्वारा सुशासन अभियान के तहत करने की बात कही जा रही है जिससे इसका निपटान अल्प समय में उन्हें अधिकारियों द्वारा किया जाएगा जो चीरनिद्रा में सोए हुए हैं।

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