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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन मिला महापौर मधुसूदन यादव से, 2008 के सेटप के अनुसार जिले में हो युक्तयुक्तकरण, 2 शिक्षक 6 कक्षा कैसे पढ़ाएंगे

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाअध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा है कि वर्तमान में जिले में चल रही युक्तियुक्तकरण में 2008 के सेटअप के अनुसार हाईस्कूल /हायरसेकण्डरी स्कूलो में पालन करने की छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने किया है,जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि युक्तियुक्तकरण के वर्तमान नियम में प्रत्येक प्राथमिक शाला में एक शिक्षक पद घटाया गया इससे प्राथमिक शाला 60 दर्ज में 2 हओगें ये शिक्षक 6 कक्षा को कैसे पढ़ाएंगे? युक्तियुक्तकरण की वर्तमान नीति में प्रायमरी, मिडिल व कामर्स के एक एक शिक्षकों की संख्या में कम किये गए है, स्वाभाविक रूप से निजी शाला को प्रोत्साहन का नियम है वर्तमान युक्तियुक्तकरण की नीति। कम शिक्षक होने से कक्षा संचालन भी संभव नही, इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ टीचर से संगठन के जिला पदाधिकारी जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा के नेतृत्व में प्रदेश शासन राकेश तिवारी जिला मीडिया प्रभारी मनोज वर्मा जिला महामंत्री माहेश्वरी के शरद शुक्ला बृजेश वर्मा जिला उपाध्यक्ष आदित्य तिवारी आदि पदाधिकारियो ने महापौर मधुसूदन यादव जी से मुलाकात कर जिले के विसंगति पूर्ण जारी सूची से अवगत कराते हुए राजनांदगांव जिले में युक्तियुक्त कारण नियम 2025 के तहत हाई स्कूल/ हायर सेकेंडरी नियम बिंदु क्रमांक 3 में उल्लेखित नियमों के आधार पर 2008 में जारी सेटअप में स्वीकृत पद पर कार्यरत शिक्षकों को अतिशेष ना मानते हुए अतिरिक्त शिक्षकों का युक्तिकरण करने के संबंध में पक्ष रखा।साथ ही कई शिक्षक आने वाले दिनो में सेवानिवृत्त होगें व कई शिक्षको का पदोन्नति हो चुकी है,ऐसे में कनिष्क व्याख्याता को अतिशेष मानकर दूसरे स्कूलो में पदाकंन के बाद उस स्कूल में विषय के शिक्षक नहीं होंगे। युक्तियुक्तकरण की दोषपूर्ण नीति से शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता गिरेगी व कम शिक्षक होने से निजी शालाओ को लाभ मिलेगा, सामान्य व निम्न वर्ग के पालक के बच्चे को उचित शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा व जिला मीडिया प्रभारी मनोज वर्मा ने मांग किया है कि अतिशेष 2008 के सेटअप का शालाओ में पालन किया जावे। नीति में सबसे बड़ी विसंगति तो यही है कि प्रत्येक शाला में एक-एक पद न्यूनतम छात्र संख्या पर कम किया गया है साथ ही एक ही परिसर के शालाओं को सम्बद्ध करने कहा गया है, इससे शाला का प्रबंध कमजोर होगा और इस नियम के तहत सम्बद्ध शालाओ के प्रधान पाठक पद को खत्म किया जा रहा है, इससे शिक्षकों की पदोन्नति नही होगी।

प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति किया जावे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया जावे एवम शिक्षक संगठनों के विरोध व सुझाव पर बैठक व चर्चा कर सेटअप 2008 का पालन करते हुए नियमानुसार व्यवस्थापन किया जावे, इस हेतु छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा विस्तृत सुझाव दिया गया है।

 

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