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जल जीवन मिशन का जिले में होना चाहिए बेहतरीन क्रियान्वयन : कलेक्टर

राजनांदगांव 24 अप्रैल 2025। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जल जीवन मिशन एवं पेयजल आपूर्ति के लिए किए जा रहे कार्यों की सघन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए हैण्डपंप की मरम्मत एवं पेयजल आपूर्ति के लिए निरंतर कार्य करते रहे। उन्होंने हैण्डपंप के सुधार तथा पेयजल के अन्य स्त्रोतों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ऐसे हैण्डपंप जिनमें जल स्तर नीचे चला गया है, वहां विशेष तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है।

कलेक्टर ने जल जीवन मिशन अंतर्गत कांट्रेक्टर की लापरवाही के कारण अधूरे निर्माण कार्यों के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अपूर्ण कार्यों के संबंध में सभी कांट्रेक्टर्स के कार्यों की समीक्षा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अगले माह अधूरे निर्माण कार्य में प्रगति दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने सभी सब इंजीनियर्स से कहा कि दौरा करें और अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए कांट्रेक्टर पर कड़ाई बरते। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन शासन की महत्वपूर्ण योजना है, जिले में इसका बेहतरीन क्रियान्वयन होना चाहिए। जल जीवन मिशन के कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। उन्होंने लंबित अपूर्ण कार्यों को पूरा करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर पंप की स्थापना के अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने ग्रामीण क्षेत्रों में हैण्डपंप की स्थिति, पेयजल व्यवस्था, सोलर आधारित योजना, घरेलू कनेक्शन की प्रगति, जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत पाईप लाईन एवं प्रावधानिक उच्च स्तरीय जलागार, पानी टंकी निर्माण, जल जीवन मिशन अंतर्गत सोलर पंप टंकी स्थापना के कार्यों के संबंध में समीक्षा की।

कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री समीर शर्मा ने बताया कि ग्रामीण पेयजल स्त्रोतों का क्लोरिनेशन एवं हैण्डपंप संधारण का कार्य किया गया है। पेयजल संबंधित शिकायत हेतु विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर 18002330008 जारी किया गया है। पेयजल संबंधित समस्या को दूर करने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, ताकि ग्रामीण स्तर पर आ रही पेयजल समस्या के बारे में जानकारी मिल पाये एवं उसका त्वरित निराकरण किया जा सके। भू-जल स्तर नीचे चले जाने वाले ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है। उन ग्रामों हेतु आवश्यकतानुसार एक्स्ट्रा डीपवेल सिलेंडर लगाने का प्रावधान रखा गया है। जिले में 2 विभागीय रिंग मशीन उपलब्ध है, जिससे आवश्यकता अनुसार प्राप्त लक्ष्य के आधार पर कार्य किया जाएगा। जिन ग्रामों में पेयजल स्त्रोत सूख गये हैं, वहां स्त्रोत का हाइड्रो-फैक्चरिंग के माध्यम से पुर्नजीवित करने की कार्रवाई की जा रही है।

आवश्यकतानुसार उपखंड स्तर पर 2 मोबाईल यूनिट रखा गया है। जिले में भू-जल स्तर नीचे जाने के कारण पेयजल समस्या की संभावना को देखते हुए पेयजल परिरक्षण अधिनियम 30 जून 2025 तक लागू किया गया है। इस अवसर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अभियंता एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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