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भाषण में भावभेश राजनांदगांव महापौर प्रत्याशी ने की जनता से अपील

आदरणीय माताओं-बहनों और राजनांदगांव की प्रिय जनता,

सादर अभिवादन

सबसे पहले मैं राजनांदगांव की माताओं-बहनों को प्रणाम करता हूं। बहुत छोटे से मोहल्ले, बेहद साधारण घर और कठिन परिस्थितियों के बाद मैं यहां तक पहुंचा हूं। मां-बाप की मेहनत और पालन पोषण क्या होता है यह मैं समझता हूं। मैंने अपने भाषण में भावावेश में यदि कुछ भी अनुचित कह दिया हूं तो सभी माताओं-बहनों से हाथ जोड़कर क्षमा चाहता हूं। मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। फिर भी मैं मानता हूं कि हमें अपनी विनम्रता नहीं छोड़नी चाहिए। दरअसल राजनांदगांव की जनता के लिए आदरणीय डॉ. रमन सिंह जी एक पालक की तरह हैं और अपने ही पिता तुल्य व्यक्ति के शहर प्रवेश को लेकर चुनौती दी जाए तो मन दुःखी होता है। बस इसी भावावेश में मैंने प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी। यह संस्कारधानी का स्वभाव रहा है कि यहां रिश्तों और सम्मान के बीच कभी राजनीति को आड़े नहीं आने दिया गया। यह शहर पंडित किशोरी लाल जी शुक्ल, आदरणीय पं. शिवकुमार शास्त्री जी, लीलाराम जी भोजवानी, ठाकुर दरबार सिंह जी, विद्याभूषण ठाकुर जी, मदन तिवारी जी, फ्रांसिस जी, बलबीर खनूजा जी, उदय मुदलियार जी, विजय पांडे जी, शोभा सोनी जी जैसे कई लोकप्रिय और आदरणीय नेताओं से समृद्ध रहा है जिनसे हमने कर्मठता, सरलता और भाईचारा सीखा है। निखिल भी मेरा छोटा भाई है और उनका परिवार मेरा परिवार है। मैं राजनांदगांव की जनता को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आपसे रिश्ता निभाने और सम्मान करने में कभी कोई कमी नहीं आएगी।

मधुसूदन यादव, महापौर प्रत्याशी राजनांदगांव

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